
रोडवेज कर्मियों ने पकौड़े बेच इकट्ठा किए 2 हजार रुपए, रात का खाना उसी से बनाया, मांगें नहीं मानी तो परिवार सहित बैठेंगे धरने पर
पूर्व में किए गए समझौते को लागू नहीं करने के विरोध में रोडवेज कर्मचारियों द्वारा सयुंक्त मोर्चे के बैनर पर किया जा रहा चक्काजाम शनिवार को छठे दिन भी जारी रहा। छह दिन से बिना काम के बैठे कर्मचारियों के समक्ष भी आर्थिक संकट गहरा रहा है। इसी के तहत शुक्रवार को कर्मचारियों ने पकौड़े बनाकर बेचे थे। कर्मचारियों के मुताबिक इससे 2 हजार रुपए की आमदनी हुई, जिससे कर्मचारियों ने सभी के लिए रात का खाना तैयार किया। कर्मियों ने जहां शनिवार को अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया वहीं रविवार को मशाल जुलूस निकाल विरोध जताएंगे। कर्मचारियों ने चेताया है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे परिवार सहित धरने पर बैठेंगे। वहीं रोडवेज कर्मचारियों के इस आंदोलन को यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीनिवास बीवी, राष्ट्रीय सचिव विनीत कम्बोज, विधानसभा पूर्व अध्यक्ष रेशम सिंह मानुका, हरप्रीत ढिल्लो,नवदीप सिंह राणा, एआईएसएफ के प्रदेश उपाध्यक्ष दलीप बारूपाल ने समर्थन दिया है। धरने पर पृथ्वी महला, रणजीत सिंह, राम गोपाल, पवन शर्मा, दुनीचंद, गुरचरण आदि मौजूद रहे।
6 में दिन से राजस्थान रोडवेज की बसे नहीं चलने से प्रतिदिन 14:50 लाख रुपए का नुकसान रोडवेज को हो रहा है। इस तरह छह दिन के हिसाब से 87 लाख रुपए नुकसान हो गया है।
हनुमानगढ़. प्रदर्शन करते रोडवेज कर्मी।